योग दर्शन में वर्णित व्यक्तिगत आचार
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योगAbstract
योग हिन्दू-जाति की सबसे श्रेष्ठ आध्यात्मिक निधि है। सब दर्शनों का यह अभिमत मन्तव्य है कि योग की प्रक्रिया मोक्ष का मुख्य साधन है। इसलिए इसके विषय में वाद-विवाद के लिए स्थान नहीं है। योग को दर्शन का रूप देने वाले महर्षि पत´्जलि का योगमार्ग ’राजयोग’ के नाम से प्रसिद्ध है।