हरियाणा की संगीत परम्परा में सांग की उत्पत्ति एवं विकास

Authors

  • उषा शोधार्थी पीएच॰डी॰, संगीत एवं नृत्य विभाग, कुरूक्षेत्र विश्वविधालय, कुरुक्षेत्र

Keywords:

नाटयों में उन्होने भाण्ड नृत्य, कठपुतली, खोडिया, सांग इत्यादि

Abstract

सांग का इतिहास बहुत प्राचीन है। यह विधा अलग-2 रूप में वैदिक काल से ही प्रचलन में रही तथा सम्पूर्ण उत्तरी भारत में यह विधा अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न नामों से प्रचलित है। वैसेतो हरियाणा में ही लोक नाटय के विभिन्न छोटे-छोटे रूप देखने को मिल जाते हैं। डॉ॰ पूर्णचंद शर्मा ने इन सभी को हरियाणा की लोकधर्मी नाट्य परम्परा के अन्तर्गत रखते हुए उसका विस्तार में वर्णन किया है। इन लोक धर्मी नाटयों में उन्होने भाण्ड नृत्य, कठपुतली, खोडिया, सांग इत्यादि का वर्णन किया है।

Published

2023-02-26

How to Cite

उषा. (2023). हरियाणा की संगीत परम्परा में सांग की उत्पत्ति एवं विकास . International Journal of New Media Studies: International Peer Reviewed Scholarly Indexed Journal, 10(1), 104–107. Retrieved from https://ijnms.com/index.php/ijnms/article/view/65